बिहार के अधिकांश इलाकों में झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही है. तापमान आमतौर र 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा रह रहा है. इससे लोगों का सुबह 10 के बाद से घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है. बिहार में गर्मी का आलम यह है कि बक्सर में ऐतिहासिक रूप से सबसे ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया गया है. मौसम विज्ञानियों ने बताया कि मध्य एवं दक्षिण बिहार के लोगों को खासकर भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. पश्चिमी बिहार में रिकॉर्ड तोड़ तापमान दर्ज किया गया है. उत्तर बिहार में आंधी-बारिश से लोगों को झुलसाने वाली गर्मी से राहत मिली है. मौसम विभााग का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने के बाद ही लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है. मौसम विज्ञानियों की मानें तो बिहार में 12 जून के आसपास दक्षिण-पश्चिम मानसून एक्टिव हो सकता है.
मौसम विज्ञानियों ने प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है. इससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है. हालांकि, मौसम विभाग ने आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के पूरी तरह से सक्रिय होने के बाद ही प्रदेश में बारिश होने और तापमान में गिरावट आने की संभावना जताई है. बता दें कि पिछले दिनों बक्सर में अधिकतम तापमान 45 डिग्री से पार चला गया था. वहीं, प्रदेश की राजधानी पटना में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था. इसे कारण लोगों को हीटवेव का सामना करना पड़ा. दूसरी तरफ, सोमवार की सुबह प्रदेश के कई हिस्सों में तेज ठंडी हवाएं चलने से लोगों ने राहत की सांस की ली है.
12 जून को मानसून के सक्रिय होने का अनुमान
भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के अनुसार, बिहार में 12 के आसपास दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय होगा. इसके बाद ही प्रदेश में बढ़ते तापमान पर अंकुश लग सकेगा और लोगों को राहत मिल सकेगी. बता दें कि देश के कई हिस्सों में मानसून के सक्रिय होने की आहट सुनाई देने लगी है. इसके प्रभाव से पूर्वोत्तर भारत के साथ ही दक्षिण भारत में भी बारिश हुई है. वहीं, बिहार में 12 के आसपास से बारिश होने का पूर्वानुमान है. इस बार के मानसून के सामान्य रहने की संभावना है.
पूर्वी बिहार में बारिश की संभावना
स्काईमेट वेदर के फोरकास्ट को मानें तो मौसमी दशाओं में परिवर्तन अने के कारण बिहार के पूर्वी हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है. इसके अलावा दक्षिण कोंकण, गोवा और जम्मू-कश्मीर में भी फुहारें पड़ने की संभावना जताई गई है. स्काईमेट वेदर का कहना है कि एक चक्रवाती परिसंचरण ट्रफ रेखा बिहार, उप-हिमालयी क्षेत्र, पश्चिम बंगाल और असम होते हुए नागालैंड तक फैली हुई है.