दिल्ली कैपिटल्स के लिए शानदार गेंदबाज़ी करते हुए कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने सही समय पर भारतीय चयनकर्ताओं को दस्तक दी है कि कहीं आप मुझे भूले तो नहीं! भले ही ये डायलॉग एक दशक पहले शीतल पेय बनाने वाली एक कंपनी ने सौरव गांगुली के लिए इस्तेमाल किया था लेकिन इस आईपीएल (IPL 2022) में कई ऐसे अनुभवी खिलाड़ी हैं जो इस साल अक्टबूर-नवंबर में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप से पहले अपने दावेदारी को ऐसे ही पेश करना चाहेंगे. और इसके लिए सबसे शानदार तरीका है आईपीएल के दौरान मैच-जिताने वाला खेल. आप घरेलू क्रिकेट में आप चाहे कितना भी दमदार खेल दिखाते रहें, चयनकर्ता अक्सर आपको नज़रअंदाज़ करते रहेंगे क्योंकि आईपीएल की तरह सोशल मीडिया में इसकी ज़बरदस्त चर्चा नहीं होती है.
दिल्ली के लिए एक और खिलाड़ी अक्षर पटेल (Axar Patel) ने भी कुलदीप यादव की ही तरह सही वक्त पर अपने फिर से वापस आने की दस्तक दी है. मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ दबाव वाले लम्हे में जिस तरह की ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी का नज़ारा अक्षर पटेल ने पेश किया, उससे उन्होंने भी वर्ल्ड कप की दावेदारी ठोकी है. ज़रूरत ये है कि टूर्नामेंट के दौरान ऐसे 4-5 मैच और हों. वैसे भी पटेल उस बात को नहीं भूले होंगे कि कैसे उन्हें पहले टीम में जगह मिली थी लेकिन हार्दिक पंड्या को टीम में शामिल करने के लिए आखिरी समय में उनका पत्ता काट दिया गया था.
लेकिन, अगर ये आईपीएल सबसे ज़्यादा किसी एक खिलाड़ी के लिए मायने रखता है तो वो हैं हार्दिक (Hardik Pandya). पिछले दो साल आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पंड्या के लिए बेहद मुश्किल रहे हैं. इस बार उन्हें गुजरात टाइटंस की कप्तानी की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी मिल गई है. लेकिन पंड्या अगर ऑलराउंडर के तौर पर चमके तो ना सिर्फ गुजरात का फायदा होगा, बल्कि निजी तौर पर भी उनके लिए काफी फायदे होंगे. फिट और फॉर्म में चल रहे पंड्या किसी भी कप्तान के लिए बड़ी मज़बूती लेकर आएंगे.
ये सच है कि विराट कोहली (Virat Kohli) के लिए फिलहाल कोई कुछ नहीं कह रहा है कि लेकिन अगर इस बार आईपीएल में कोहली बदले हुए अंदाज़ में नहीं दिखते हैं, तो ऑस्ट्रेलिया के लिए उनका टिकट एकदम से पक्का भी नहीं है. टॉप ऑर्डर में रोहित शर्मा, कोहली और केएल राहुल का लगभग एक जैसे रफ्तार में पावरप्ले में बल्लेबाज़ी करना टीम के लिए परेशानी का सबब रहा है. कोहली जैसे खिलाड़ी को टीम से बाहर रखने के बारे में सोचना भी चयनकर्ताओं के लिए मुसीबत है लेकिन हाल के महीनों में ये साफ दिखा है कि कोहली की बादशाहत पर सेंध लगी है और ज़रूरी है कि उस रुतबे को फिर से हासिल करने के लिए वो इस आईपीएल में छा जाएं.